भारत सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए ई-श्रम कार्ड योजना की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य था उन लोगों को एक डिजिटल पहचान देना जो किसी संगठन में काम नहीं करते, जैसे कि दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, घरेलू सहायक, खेतों में काम करने वाले मजदूर आदि। इस पहचान के जरिए सरकार उनके लिए भविष्य की योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू कर सके।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर बहुत तेज़ी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि सरकार ई-श्रम कार्ड धारकों को ₹5000 महीना आर्थिक सहायता दे रही है। इस खबर के चलते कई मजदूर भ्रमित हो गए हैं और वे अपने बैंक खातों में इस रकम का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो गया है कि इस खबर में कितनी सच्चाई है।
E-Shram Card Payment: क्या वास्तव में मिल रहे हैं ₹5000?
ई-श्रम कार्ड योजना को लेकर वायरल हो रही ₹5000 की खबर ने मजदूर वर्ग में काफी हलचल मचा दी है। लेकिन जब इस दावे की जांच की गई, तो श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान में इसे पूरी तरह से गलत और भ्रामक बताया गया। मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि फिलहाल सरकार की ओर से ई-श्रम कार्ड धारकों को किसी भी प्रकार की ₹5000 की सीधी आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है।
ई-श्रम कार्ड का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाना है ताकि भविष्य में योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके। इसका इस्तेमाल वर्तमान में बीमा योजना, पेंशन योजना और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों में प्राथमिकता देने के लिए किया जा रहा है। ऐसे में ₹5000 की खबर पूरी तरह से अफवाह साबित हुई है।
कैसे बनवाएं ई-श्रम कार्ड – स्टेप वाइज प्रक्रिया
जो श्रमिक अभी तक इस योजना से नहीं जुड़े हैं, उनके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ई-श्रम कार्ड बनवाने की प्रक्रिया कितनी आसान है। नीचे दी गई स्टेप वाइज प्रक्रिया से कोई भी असंगठित क्षेत्र का श्रमिक आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकता है:
स्टेप 1: सबसे पहले श्रमिक को अपना आधार कार्ड, बैंक पासबुक और एक सक्रिय मोबाइल नंबर तैयार रखना होगा।
स्टेप 2: इन दस्तावेजों को लेकर नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) या कॉमन सर्विस सेंटर पर जाएं।
स्टेप 3: ऑपरेटर ई-श्रम पोर्टल पर जाकर आपकी जानकारी भरता है।
स्टेप 4: आधार कार्ड से OTP के माध्यम से पहचान सत्यापित की जाती है।
स्टेप 5: सभी जानकारी सही भरने के बाद रजिस्ट्रेशन पूरा होता है और एक यूनिक 12 अंकों का ई-श्रम कार्ड नंबर जारी किया जाता है।
स्टेप 6: यह कार्ड प्रिंट करवा कर आपको दे दिया जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी तरह की फीस नहीं ली जाती है। यदि कोई आपसे इसके लिए पैसे मांगता है तो यह धोखाधड़ी है।
ई-श्रम योजना के मुख्य लाभ
ई-श्रम कार्ड धारकों को फिलहाल सरकार द्वारा ₹2 लाख तक का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। यह बीमा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत आता है, जो किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना की स्थिति में श्रमिक या उसके परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
इसके अलावा ई-श्रम कार्ड धारकों को भविष्य की योजनाओं में प्राथमिकता दी जाती है जैसे कि:
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पेंशन योजना)
- मातृत्व लाभ योजना
- कौशल विकास और ट्रेनिंग कार्यक्रम
इन सभी योजनाओं का फायदा उठाने के लिए ई-श्रम कार्ड होना जरूरी है।
वायरल मैसेज से कैसे रहें सावधान
सोशल मीडिया पर चल रही ₹5000 की खबर भ्रामक है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा कोई भी ऑफिशियल आदेश जारी नहीं हुआ है। अगर कोई व्यक्ति या संस्था आपसे कहे कि ₹5000 पाने के लिए फॉर्म भरें या पैसे जमा करें, तो यह पूरी तरह से फर्जी है।
इस तरह के झूठे मैसेज पर क्लिक करने से आपकी निजी जानकारी भी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए हमेशा सरकारी पोर्टल (eshram.gov.in) या श्रम मंत्रालय की वेबसाइट से ही जानकारी प्राप्त करें।
ई-श्रम कार्ड योजना का असली मकसद
इस योजना का मकसद सीधे पैसे देना नहीं बल्कि देश के करोड़ों असंगठित श्रमिकों को एक मंच पर लाना है। इससे सरकार को पता चल सकेगा कि कहां-कहां मजदूर हैं, किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उन्हें किन योजनाओं की जरूरत है। जब भी कोई नई योजना लाई जाएगी, तो सबसे पहले इन्हीं पंजीकृत श्रमिकों को उसका लाभ दिया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी क्षेत्र में बाढ़ या अन्य आपदा आती है और वहां के श्रमिक ई-श्रम डेटाबेस में शामिल हैं, तो सरकार तुरंत उन्हें आर्थिक सहायता दे सकेगी। यह कार्ड आने वाले समय में श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार बनेगा।
अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया? अब भी है मौका
अगर आपने अभी तक ई-श्रम कार्ड नहीं बनवाया है, तो यह सही समय है। कार्ड बनवाना एकदम मुफ्त है और जन सेवा केंद्रों पर इसकी सुविधा उपलब्ध है। एक बार कार्ड बनने के बाद वह जीवन भर मान्य रहेगा और नई योजनाओं का लाभ उठाने में आपकी मदद करेगा।
भविष्य में अगर सरकार किसी भी तरह की आर्थिक सहायता की घोषणा करती है, तो उसका सीधा फायदा उन्हीं को मिलेगा जिनका नाम पहले से डेटाबेस में होगा। इसलिए समय पर रजिस्ट्रेशन करवाना आपके हित में है।







